ईरान के पास्चर इंस्टीट्यूट और भारत की टीका बनाने वाली कंपनी बायोटेक इंडिया ने एक समारोह में, आंतरिक टीकाकरण व्यवस्था के इस्तेमाल के लिए रोटा वायरस के टीके की आपूर्ति और टेक्नॉलोजी के आदान प्रदान के समझौते पर दस्तख़त किए।
यह समारोह ऑनलाइन आयोजित हुआ। दोनों पक्षों ने स्वास्थ्य रक्षा, इलाज और टीके के संयुक्त उत्पादन के क्षेत्र में संबंध विस्तार में रूचि दिखाई है।
ग़ौरतलब है कि बच्चे सबसे ज़्यादा रोटावायरस की चपेट में आते हैं। बच्चों में जब इस वायरस का इन्फ़ेक्शन होता है तो उन्हें बहुत ज़्यादा दस्त आता है। क़रीब पांच साल की उम्र होते होते हर बच्चा एक बार इस वायरस की चपेट में आता है। कुछ आंकड़ों के मुताबिक़, दुनिया में सालाना 5 साल से कम उम्र के 5 लाख बच्चे रोटावायरस से मरते हैं।
source:abna24